vowels in hindi : आज के इस आर्टिकल के जरिए हम हिंदी वर्णमाला के hindi swar के बारे में जानकारी लेंगे, यहां पर hindi vowels की worksheet, chart और pictures भी दी गई है जिससे इस swer in hindi को सीखने में आसानी रहेगी।
हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi sawar जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में swar in hindi के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।
तो चलिए जानते हैं hindi vowels यानी हिंदी swar की पूरी जानकारी।
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सीधे शब्दों में कहें तो स्वर ध्वनियाँ पूरी तरह से स्वतंत्र ध्वनियाँ हैं, जिन का उच्चारण करते समय हमारे मुंह के किसी भी भाग के साथ वायु घर्षण नहीं होता है यानी स्वरों के उच्चारण के लिए अधिकतर कंठ और तालू का प्रयोग किया जाता है। तो स्वरों को पहचानने का सबसे सरल तरीका यह है कि उनके उच्चारण के वक्त हमारे मुंह से बिना किसी रुकावट के हवा निकलती है।
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Hindi Swar - Hindi Vowels |
हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi sawar जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में swar in hindi के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।
तो चलिए जानते हैं hindi vowels यानी हिंदी swar की पूरी जानकारी।
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Swar Kise Kahate Hain
जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी रुकावट और बिना किसी अन्य अक्षर यानी वर्ण की सहायता के बिना किया जाता हो वह स्वर कहलाते हैं। आसान भाषा में समझे तो स्वर (Vowel) या hindi swar का उच्चारण करते समय किसी दूसरे वर्ण की जरूरत नहीं पड़ती है। यानी इन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जाता है। जैसे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ जीसे swar कहते हैं।सीधे शब्दों में कहें तो स्वर ध्वनियाँ पूरी तरह से स्वतंत्र ध्वनियाँ हैं, जिन का उच्चारण करते समय हमारे मुंह के किसी भी भाग के साथ वायु घर्षण नहीं होता है यानी स्वरों के उच्चारण के लिए अधिकतर कंठ और तालू का प्रयोग किया जाता है। तो स्वरों को पहचानने का सबसे सरल तरीका यह है कि उनके उच्चारण के वक्त हमारे मुंह से बिना किसी रुकावट के हवा निकलती है।
Swar Kitne Hote Hain
how many swar in hindi : जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया उसी प्रकार Hindi Swar का उच्चारण करते समय किसी दूसरे वर्ण की आवश्यकता लेनी नहीं पड़ती है। यानी इन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जाता है, हिंदी वर्णमाला में ऐसे 11 स्वर है।hindi alphabet vowels
hindi vowels letters | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|
अ | आ | इ | ई | |||
उ | ऊ | ऋ | ए | |||
ऐ | ओ | औ | ||||
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भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानक हिंदी वर्णमाला में मूल रूप से "अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ" कुल 11 स्वर शामिल है जिसमें 'ऋ' को अर्धस्वर यानी आधा स्वर माना जाता है, अतः इसे स्वरों के साथ रखा गया है। लेकिन अनुस्वार (अं) एवं विसर्ग (अ:) को मानक हिंदी स्वरों में शामिल नहीं किया गया है।
लेकिन पारंपरिक हिंदी वर्णमाला में लेखन के आधार पर स्वरों की संख्या 13 मानी जाती है जीसमें अनुस्वार (अं) एवं विसर्ग (अ:) शामिल है पर मानक हिंदी स्वरों में अं और अः की गिनती ना तो स्वर में होती है और नाही व्यंजन में क्योंकि इन वर्णों के उच्चारण मे व्यंजनों की सहायता लेनी पड़ती है जैसे अ + ग = अं, अ + ह = अः यानी यह पूरी तरह से स्वर नहीं कहलाते हैं इसे अयोगवाह कहा जाता है।
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भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानक हिंदी वर्णमाला में मूल रूप से "अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ" कुल 11 स्वर शामिल है जिसमें 'ऋ' को अर्धस्वर यानी आधा स्वर माना जाता है, अतः इसे स्वरों के साथ रखा गया है। लेकिन अनुस्वार (अं) एवं विसर्ग (अ:) को मानक हिंदी स्वरों में शामिल नहीं किया गया है।
लेकिन पारंपरिक हिंदी वर्णमाला में लेखन के आधार पर स्वरों की संख्या 13 मानी जाती है जीसमें अनुस्वार (अं) एवं विसर्ग (अ:) शामिल है पर मानक हिंदी स्वरों में अं और अः की गिनती ना तो स्वर में होती है और नाही व्यंजन में क्योंकि इन वर्णों के उच्चारण मे व्यंजनों की सहायता लेनी पड़ती है जैसे अ + ग = अं, अ + ह = अः यानी यह पूरी तरह से स्वर नहीं कहलाते हैं इसे अयोगवाह कहा जाता है।
अयोगवाह के यह दोनों अक्षर अपनी अपनी मात्राएं भी रखते हैं जो विभिन्न व्यंजनो के साथ प्रयोग की जाती है। तो अब आप समझ गए होंगे कि हिंदी में स्वर कितने होते हैं (hindi mein sawar kitne hote hain)
इन 4 स्वरों को मूल स्वर भी कहते हैं और इनके उच्चारण में कम से कम समय लगता है।
इन स्वरों में आ, ई, ऊ यह 3 मूल दीर्घ स्वर कहलाते है और ए, ऐ, ओ, औ यह 4 स्वर संयुक्त या मिश्र स्वर कहलाते हैं। क्योंकि यह स्वर दूसरे स्वरों के सहयोग से बनते हैं जैसे – अ + इ = ए , अ + ए = ऐ, अ + उ = ओ , अ + ओ = औ
जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर के मुकाबले अधिक समय (करीब-करीब तीन गुना समय) लगता हो उसे प्लुत स्वर में गिना जाता है। जैसे "ओऽम, राऽम" इन शब्दों के बीच में बना प्लुत स्वर का 'ऽ' निशान यह स्पष्ट करता है कि इसे बोलने में ह्रस्व स्वर और दीर्घ स्वर से ज्यादा समय लगता है।
जैसे
ह्रस्व स्वर - अ - कम समय
दीर्घ स्वर - आ - दो गुना समय
प्लुत स्वर - ओऽम - तीन गुना समय
Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain
स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं और इन्हें मात्रा एवं उच्चारण में लगने वाले समय के मूल पर तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। जो नीचे बताए गए हैं।- ह्रस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
1. ह्रस्व स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में दूसरे स्वरों की तुलना में कम समय (करीब-करीब एक मात्रा का समय) लगता हो उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। हिंदी में अ, इ, उ, ऋ यह 4 स्वर ह्रस्व स्वर कहलाते हैं।इन 4 स्वरों को मूल स्वर भी कहते हैं और इनके उच्चारण में कम से कम समय लगता है।
2. दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दोगुना समय (करीब-करीब दो मात्राओं का समय) लगता हो उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। हिंदी में आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ यह 7 स्वर दीर्घ स्वर कहलाते हैं।इन स्वरों में आ, ई, ऊ यह 3 मूल दीर्घ स्वर कहलाते है और ए, ऐ, ओ, औ यह 4 स्वर संयुक्त या मिश्र स्वर कहलाते हैं। क्योंकि यह स्वर दूसरे स्वरों के सहयोग से बनते हैं जैसे – अ + इ = ए , अ + ए = ऐ, अ + उ = ओ , अ + ओ = औ
3. प्लुत स्वर
हिंदी में स्वरों की कुल संख्या 11 है जिसमें 4 ह्रस्व स्वर और 7 दीर्घ स्वर मिलकर कूल ग्यारह स्वर हो जाते हैं। तो अब प्लुत स्वर मे गिनने के लिए कोई भी स्वर नहीं है मतलब प्लुत स्वर ऐसे स्वर हैं जो स्पष्ट नहीं होते हैं यानी इन ग्यारह स्वरों के बीच दिखाई नहीं देते हैं। तो अब सवाल यह उठता है कि किस स्वर को प्लुत स्वर में गिना जाए?जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर के मुकाबले अधिक समय (करीब-करीब तीन गुना समय) लगता हो उसे प्लुत स्वर में गिना जाता है। जैसे "ओऽम, राऽम" इन शब्दों के बीच में बना प्लुत स्वर का 'ऽ' निशान यह स्पष्ट करता है कि इसे बोलने में ह्रस्व स्वर और दीर्घ स्वर से ज्यादा समय लगता है।
जैसे
ह्रस्व स्वर - अ - कम समय
दीर्घ स्वर - आ - दो गुना समय
प्लुत स्वर - ओऽम - तीन गुना समय
स्वर वर्णों के उच्चारण स्थान
किसी भी अक्षर या वर्ण का उच्चारण करने के लिए मुंह के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल करना पड़ता है। और मुंह के जिस हिस्से (अंग) से वर्णों की ध्वनियों का उच्चारण होता है, वही हिस्सा उस वर्ण का उच्चारण स्थान होता है।स्वर वर्ण | उच्चारण स्थान |
---|---|
अ, आ | कंठ |
इ , ई | तालु |
उ , ऊ | ओष्ठ (ओठ) |
ऋ | मूर्धा |
ए , ऐ | कंठ - तालु |
ओ , औ | कंठ - ओष्ठ |
Hindi Swarmala Chart with pictures
Hindi Swar Vowels FAQ's
1. हिंदी में स्वर कितने होते हैं?
भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानक हिंदी वर्णमाला में मूल रूप से कुल 11 स्वर शामिल है।
2. हिंदी के स्वर कौन कौन से होते हैं?
स्वीकृत मानक हिंदी वर्णमाला में मूल रूप से "अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ" स्वर शामिल है जिसमें ऋ' को अर्धस्वर यानी आधा स्वर माना जाता है, अतः इसे स्वरों के साथ रखा गया है।
3. संयुक्त स्वर कितने होते हैं *?
हिंदी में ए, ऐ, ओ, औ कुल 4 संयुक्त या मिश्र स्वर होते हैं। यह स्वर दूसरे स्वरों के सहयोग से बनते हैं जैसे – अ + इ = ए , अ + ए = ऐ, अ + उ = ओ , अ + ओ = औ
4. मूल स्वरों की संख्या कितनी है?
हिंदी में मूल स्वरों की संख्या 4 होतीं है जैसे अ, इ, उ, ऋ इनके उच्चारण में कम से कम समय लगता है।
Conclusion
तो फ्रेंड्स! हमें पूरी उम्मीद है कि आपको hindi vowels का यह लेख पसंद आया होगा क्योंकि इस लेख को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है एवं सभी swar in hindi वर्ण को एक टेबल के जरिए प्रस्तुत किया गया है ताकि आपको इस vowels in hindi को पढ़ने में और सीखने में आसानी रहे।इसके अलावा आपको swar hindi का यह लेख कैसा लगा इस बारे में आप अपने विचार हमें कमेंट के जरिए जरूर बताइएगा, आपके विचार हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। धन्यवाद!