consonants in hindi : आज के इस आर्टिकल के जरिए हम हिंदी वर्णमाला के vyanjan के बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे, यहां पर vyanjan in hindi का chart और pictures भी दी गई है जिससे इस hindi consonants को समझने में आसानी रहेगी।
हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi vyanjan और स्वर जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में hindi ke vyanjan के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।
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उपर बताए हुए 33 व्यंजन वर्णों को 3 अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है, यानी vyanjan ke bhed की जानकारी नीचे बताई गई है।
आइए इन सभी विभाजित व्यंजन के प्रकारो या भेदों को एक-एक करके उदाहरण सहित समझते हैं।
कुल 33 व्यंजनों में से 25 व्यंजन ऐसे है जो स्पर्श व्यंजनों में गिने जाते हैं और इन सभी व्यजनों को पहचानने में आसानी रहे इसलिए इसे पांच वर्गों मे विभाजित किया गया है। इसलिए इसे स्पर्श व्यंजन के साथ-साथ वर्गीय व्यंजन के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे ☟
यहा पर कंठ , तालु , मूर्द्धा , दंत , ओष्ठ , यह इन व्यंजनों के उच्चारण स्थान बताए गए हैं। और स्पर्श व्यंजन क से लेकर म तक संख्या में 25 है जिन्हें वर्गों के साथ ऊपर बताए गए हैं। तो अब आप समझ गए होंगे कि sparsh vyanjan kise kahate hain
अंतः यानी बीच में ,
स्थ यानी स्थित
अंतः स्थ यानी बीच में स्थित य, र, ल, व इन चार वर्णो को अंतः स्थ वर्ण में गिना जाता है।
ईन व्यंजनों का उच्चारण जीभ, तालु, दांत और होठों की परस्पर क्रिया के कारण होता है। इन व्यंजनों के उच्चारण के दौरान श्वास की रफ्तार दूसरे व्यंजनों के उच्चारण के मुकाबले बहुत कम होती है।
जिस वर्णों के उच्चारण में श्वास वायु, मुख के अलग-अलग हिस्सों से टकराती हुई उष्मा/गर्म हवा के साथ ध्वनि बाहर निकलती हो उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं।
ऊष्म व्यंजनों की संख्या 4 है स ,श ,ष और ह इन वर्णो का उच्चारण करते समय दातों के बीच से गर्म हवा बाहर आती हैं।
हिंदी वर्णमाला में संयुक्त व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है क्ष, त्र, ज्ञ और श्र
जब दो भिन्न व्यंजन आपस में मिलते हैं तो उनका मूल रूप बदल जाता है। उदाहरण के लिए, श् + र = श्र इनमें 'श्' बिना स्वर वाला है जबकि 'र' में स्वर मिला हुआ है। जब यह दोनों मिलते हैं, तो उनका मूल रूप 'श्र' में बदल जाता है।
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इसके अलावा आपको consonants in hindi का यह लेख कैसा लगा इस बारे में आप अपने विचार हमें कमेंट के जरिए जरूर बताइएगा, आपके विचार हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। धन्यवाद!
हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi vyanjan और स्वर जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में hindi ke vyanjan के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।
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हिंदी की वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं जिसे दो हिस्सों में बांटा गया है स्वर और व्यंजन। जिसमें से हिंदी स्वर की संपूर्ण जानकारी हम पिछले लेख में बता चुके हैं। अब इस लेख में चलिए जानते हैं vyanjan hindi की पूरी जानकारी।
vyanjan ki paribhasha : जब किसी अक्षर/वर्ण का उच्चारण करते समय प्राणवायु कंठ और मुख्य अंगों से टकराकर बाहर आती है उससे जो ध्वनिया उत्पन्न होती है उसे व्यंजन कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में क से ज्ञ तक के अक्षरों/वर्णों को प्रयोग में लाया जाता है, उन सभी वर्णो को व्यंजन कहते हैं।
हिंदी की वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं जिसे दो हिस्सों में बांटा गया है स्वर और व्यंजन। जिसमें से हिंदी स्वर की संपूर्ण जानकारी हम पिछले लेख में बता चुके हैं। अब इस लेख में चलिए जानते हैं vyanjan hindi की पूरी जानकारी।
Vyanjan Kise Kahate Hain
स्वरों की सहायता से उच्चारित होने वाले वर्ण/अक्षर व्यंजन कहलाते हैं यानी हिंदी के ऐसे वर्ण जिन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं होता है इन अक्षर या वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। जैसे ग + अ = ग, न + अ = न, श + अ = श यानी सभी व्यंजन 'अ' स्वर के साथ मिलकर उच्चरित होते हैं।vyanjan ki paribhasha : जब किसी अक्षर/वर्ण का उच्चारण करते समय प्राणवायु कंठ और मुख्य अंगों से टकराकर बाहर आती है उससे जो ध्वनिया उत्पन्न होती है उसे व्यंजन कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में क से ज्ञ तक के अक्षरों/वर्णों को प्रयोग में लाया जाता है, उन सभी वर्णो को व्यंजन कहते हैं।
Vyanjan Kitne Hote Hai
vyanjan kitne hote hain यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है क्योंकि इस तरह के सवाल अक्सर परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। तो हम आपको बताना चाहेंगे कि हिन्दी में मुख्यतः 33 व्यंजन होते हैं। जो नीचे बताए गए हैं।$ads={1}
हिंदी व्यंजन - hindi consonant letters | ||||
---|---|---|---|---|
क | ख | ग | घ | ङ |
च | छ | ज | झ | ञ |
ट | ठ | ड | ढ | ण |
त | थ | द | ध | न |
प | फ | ब | भ | म |
य | र | ल | व | |
श | ष | स | ह |
उपर बताए हुए 33 व्यंजन वर्णों को 3 अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है, यानी vyanjan ke bhed की जानकारी नीचे बताई गई है।
Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain
व्यंजन के मुख्यतः तीन भेद होते हैं, जो नीचे बताए गए हैं।- स्पर्श व्यंजन
- अन्त:स्थ व्यंजन
- ऊष्म व्यंजन
आइए इन सभी विभाजित व्यंजन के प्रकारो या भेदों को एक-एक करके उदाहरण सहित समझते हैं।
1. Sparsh vyanjan
ऐसे अक्षर या वर्ण जिनका उच्चारण करते वक्त मुख के किसी न किसी भाग का स्पर्श होता है, इसलिए इसे स्पर्श व्यंजन कहा जाता है।कुल 33 व्यंजनों में से 25 व्यंजन ऐसे है जो स्पर्श व्यंजनों में गिने जाते हैं और इन सभी व्यजनों को पहचानने में आसानी रहे इसलिए इसे पांच वर्गों मे विभाजित किया गया है। इसलिए इसे स्पर्श व्यंजन के साथ-साथ वर्गीय व्यंजन के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे ☟
क वर्ग | क, ख, ग, घ, ङ | कंठ |
च वर्ग | च, छ, ज, झ, ञ | तालु |
ट वर्ग | ट, ठ, ड, ढ, ण | मूर्द्धा |
त वर्ग | त, थ, द, ध, न | दंत |
प वर्ग | प, फ, ब, भ, म | ओष्ठ |
यहा पर कंठ , तालु , मूर्द्धा , दंत , ओष्ठ , यह इन व्यंजनों के उच्चारण स्थान बताए गए हैं। और स्पर्श व्यंजन क से लेकर म तक संख्या में 25 है जिन्हें वर्गों के साथ ऊपर बताए गए हैं। तो अब आप समझ गए होंगे कि sparsh vyanjan kise kahate hain
2. अन्त:स्थ व्यंजन
परिभाषा: अंत करण के माध्यम से उच्चारित होने वाले व्यंजनों को अंतस्थ व्यंजन कहा जाता है। यानी जिन वर्णों का उच्चारण स्वर और व्यंजन के मध्य में होता है ,उन्हें अंतस्थ व्यंजन कहते हैं।अंतः यानी बीच में ,
स्थ यानी स्थित
अंतः स्थ यानी बीच में स्थित य, र, ल, व इन चार वर्णो को अंतः स्थ वर्ण में गिना जाता है।
ईन व्यंजनों का उच्चारण जीभ, तालु, दांत और होठों की परस्पर क्रिया के कारण होता है। इन व्यंजनों के उच्चारण के दौरान श्वास की रफ्तार दूसरे व्यंजनों के उच्चारण के मुकाबले बहुत कम होती है।
3. ऊष्म व्यंजन
ऊष्मा का अर्थ होता है गर्मी या गर्माहट।जिस वर्णों के उच्चारण में श्वास वायु, मुख के अलग-अलग हिस्सों से टकराती हुई उष्मा/गर्म हवा के साथ ध्वनि बाहर निकलती हो उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं।
ऊष्म व्यंजनों की संख्या 4 है स ,श ,ष और ह इन वर्णो का उच्चारण करते समय दातों के बीच से गर्म हवा बाहर आती हैं।
4. संयुक्त व्यंजन
वे व्यंजन जो दो या दो से अधिक व्यंजनों के मेल से बनते हैं, वह sanyukt vyanjan कहलाते हैं। संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है। इसमें पहला व्यंजन बिना स्वर के होता है और दूसरे व्यंजन में स्वर मिला होता है अर्थात पूर्ण व्यंजन होता है ।हिंदी वर्णमाला में संयुक्त व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है क्ष, त्र, ज्ञ और श्र
जब दो भिन्न व्यंजन आपस में मिलते हैं तो उनका मूल रूप बदल जाता है। उदाहरण के लिए, श् + र = श्र इनमें 'श्' बिना स्वर वाला है जबकि 'र' में स्वर मिला हुआ है। जब यह दोनों मिलते हैं, तो उनका मूल रूप 'श्र' में बदल जाता है।
जैसे ☟
क्ष | - | क् + ष | = | क्ष |
त्र | - | त् + र | = | त्र |
ज्ञ | - | ज् + ञ | = | ज्ञ |
श्र | - | श् + र | = | श्र |
Hindi Vyanjan With Pictures
hindi consonants with pictures
Hindi Vyanjan Consonants FAQ's
व्यंजन किसे कहते हैं?
स्वरों की सहायता से उच्चारित होने वाले वर्ण/अक्षर व्यंजन कहलाते हैं यानी हिंदी के ऐसे वर्ण जिन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं होता है बल्कि इन अक्षर या वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है।
हिंदी में कितने व्यंजन होते हैं?
हिन्दी में मुख्यतः 33 व्यंजन होते हैं।
33 व्यंजन कौन कौन से हैं?
क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह
क्ष त्र ज्ञ कौन से व्यंजन है?
क्ष, त्र, ज्ञ और श्र संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं।
संयुक्त व्यंजन कितने होते है?
हिंदी वर्णमाला में संयुक्त व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है।
Conclusion
तो फ्रेंड्स! हमें पूरी उम्मीद है कि आपको hindi vyanjan का यह लेख पसंद आया होगा क्योंकि इस लेख को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है एवं सभी hindi consonants वर्ण को एक टेबल के जरिए प्रस्तुत किया गया है ताकि आपको इस vyanjan in hindi को पढ़ने में और सीखने में आसानी रहे।इसके अलावा आपको consonants in hindi का यह लेख कैसा लगा इस बारे में आप अपने विचार हमें कमेंट के जरिए जरूर बताइएगा, आपके विचार हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। धन्यवाद!